यूपी में विकलांग ई-रिक्शा का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कैसे करें?

उत्तर प्रदेश में विकलांग ई-रिक्शा या मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल वितरण योजना एक ऐसी पहल है, जो दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी गतिशीलता बढ़ाने के लिए शुरू की गई है। 2020 में शुरू हुई इस योजना के तहत 80% या उससे अधिक दिव्यांगता वाले लोगों को मुफ्त या सब्सिडी पर बैटरी चालित ट्राइसाइकिल दी जाती है। 

हाल के अपडेट्स के मुताबिक, उत्तर प्रदेश सरकार ने 2021-22 में 1,507 ट्राइसाइकिलों को मंजूरी दी थी, और अगले दो सालों में हर लोकसभा क्षेत्र में 100-100 ट्राइसाइकिल बांटने का लक्ष्य रखा है। यह योजना ALIMCO (Artificial Limbs Manufacturing Corporation of India) के सहयोग से चल रही है, जो लंबी दूरी के लिए उपयुक्त मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल बनाती है। आइए, इस योजना को आसान और स्ट्रक्चर्ड तरीके से समझते हैं।

योजना का मकसद

ये योजना उत्तर प्रदेश के उन दिव्यांगजनों के लिए है, जिन्हें चलने-फिरने में दिक्कत होती है। बैटरी चालित ट्राइसाइकिल देकर सरकार उनकी जिंदगी को आसान बनाना चाहती है, ताकि वो अपने रोजमर्रा के काम, नौकरी या पढ़ाई के लिए बिना किसी की मदद के कहीं आ-जा सकें। इसका फोकस आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्तीकरण पर है।

लेटेस्ट अपडेट्स (2025 तक)

  • 2021-22 में शुरुआत: इस साल 1,507 मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल बांटी गईं।
  • लक्ष्य: अगले दो सालों में हर लोकसभा क्षेत्र में 100-100 ट्राइसाइकिल बांटने का प्लान है।
  • सब्सिडी: ट्राइसाइकिल की कीमत ₹38,000 तक हो सकती है, जिसमें ₹25,000 तक सरकार देती है। बाकी राशि MP फंड या अन्य स्रोतों से आ सकती है।
  • कैंप और रजिस्ट्रेशन: विधानसभावार कैंप लगाए जा रहे हैं, और जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण कार्यालय में भी रजिस्ट्रेशन हो रहा है।
  • अन्य लाभ: योगी सरकार ने दिव्यांग पेंशन को ₹1,000 से बढ़ाकर ₹1,500 प्रति माह करने का ऐलान किया है।

पात्रता: कौन ले सकता है लाभ?

  • दिव्यांगता: कम से कम 80% दिव्यांगता होनी चाहिए, जिसका सर्टिफिकेट मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) से मिला हो।
  • उम्र: 16 साल या उससे ज्यादा।
  • निवास: उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना जरूरी।
  • आय: परिवार की सालाना आय ₹1,50,000 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
  • शर्त: पहले से कोई मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल नहीं ली हो। एक व्यक्ति केवल एक बार इस योजना का लाभ ले सकता है।

जरूरी दस्तावेज

  • आधार कार्ड: पहचान और निवास के लिए।
  • दिव्यांगता सर्टिफिकेट: CMO से जारी, जिसमें 80% या अधिक दिव्यांगता लिखी हो।
  • निवास प्रमाण पत्र: उत्तर प्रदेश का।
  • आय प्रमाण पत्र: ₹1,50,000 से कम आय दिखाने के लिए।
  • पासपोर्ट साइज फोटो: हाल की तस्वीर।
  • जाति प्रमाण पत्र: अगर लागू हो।
  • शैक्षिक प्रमाण पत्र: अगर आप स्टूडेंट हैं और प्राथमिकता चाहते हैं।
  • बैंक खाता विवरण: सब्सिडी के लिए।

ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?

Step 1: वेबसाइट पर जाएं:

दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट (hwd.uphq.in) या National Government Services Portal (services.india.gov.in) पर जाएं।

Step 2: योजना चुनें:

“दिव्यांग मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल वितरण योजना” का ऑप्शन ढूंढें।

Step 3: फॉर्म भरें:

नाम, पता, मोबाइल नंबर, दिव्यांगता का विवरण और अन्य जानकारी डालें।

Step 4: दस्तावेज अपलोड करें:

सभी दस्तावेज JPG या PDF फॉर्मेट में अपलोड करें (5 MB से कम साइज)।

Step 5: सबमिट करें:

नियम-शर्तें पढ़कर फॉर्म सबमिट करें। आपको एक रजिस्ट्रेशन नंबर मिलेगा, इसे संभालकर रखें।

Step 6: सत्यापन:

विभाग आपके दस्तावेजों और पात्रता की जांच करेगा। सही पाए जाने पर ट्राइसाइकिल दी जाएगी।

ऑफलाइन आवेदन

  • अगर ऑनलाइन नहीं कर सकते, तो अपने नजदीकी जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण कार्यालय जाएं।
  • वहां फॉर्म लें, भरें, और दस्तावेज जमा करें।

योजना के फायदे

  • मुफ्त या कम खर्च: ट्राइसाइकिल की कीमत का बड़ा हिस्सा सरकार देती है।
  • आत्मनिर्भरता: दिव्यांगजन बिना किसी की मदद के कहीं आ-जा सकते हैं।
  • प्राथमिकता: हाई स्कूल या हायर सेकेंडरी के दिव्यांग छात्रों को प्राथमिकता मिलती है।
  • लंबी दूरी: ALIMCO की ट्राइसाइकिल लंबी दूरी के लिए उपयुक्त है।

ध्यान देने वाली बातें

  • फर्जी जानकारी न दें: गलत जानकारी देने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
  • प्रतीक्षा समय: सत्यापन और वितरण में कुछ महीने लग सकते हैं।
  • संपर्क: किसी भी मदद के लिए hwd.uphq.in पर जाएं या जिला कार्यालय से बात करें।
  • केवल ऑफिशियल पोर्टल: फर्जी वेबसाइटों या एजेंटों से बचें।

संपर्क और सहायता

  • वेबसाइट: hwd.uphq.in या services.india.gov.in
  • हेल्पलाइन: जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण कार्यालय से संपर्क करें।
  • कैंप: विधानसभावार कैंप्स में रजिस्ट्रेशन करवाएं।

निष्कर्ष

ये योजना उत्तर प्रदेश के दिव्यांगजनों के लिए एक बड़ा कदम है। मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल न सिर्फ उनकी गतिशीलता बढ़ाती है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और समाज में सक्रिय बनाती है। अगर आप या आपका कोई जानने वाला इस योजना का लाभ लेना चाहता है, तो जल्द से जल्द आवेदन करें और जरूरी दस्तावेज तैयार रखें।

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