
मध्य प्रदेश सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को बढ़ावा देने के लिए MP EV Policy-2025 के तहत कई कदम उठा रही है, लेकिन हाल ही में नकद सब्सिडी को हटाने का फैसला चर्चा का विषय बना है। फरवरी 2025 से लागू इस बदलाव ने EV खरीदने की योजना बना रहे लोगों के लिए कई सवाल खड़े किए हैं। यह लेख मध्य प्रदेश में EV सब्सिडी की वर्तमान स्थिति, पहले मिलने वाली सब्सिडी, इसके बंद होने के कारण और सरकार की भविष्य की रणनीति को विस्तार से समझाता है।
पहले मिलने वाली नकद सब्सिडी
MP EV Policy-2022 और इसके ड्राफ्ट्स के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों पर नकद सब्सिडी प्रस्तावित थी। ये सब्सिडी निम्नलिखित थीं:
- टू-व्हीलर: ₹10,000 (पहले 1 लाख वाहनों के लिए)
- ऑटो-रिक्शा: ₹20,000 (पहले 15,000 वाहनों के लिए)
- चार पहिया: ₹50,000 (पहले 5,000 वाहनों के लिए)
- बस: ₹10 लाख (पहले 100 वाहनों के लिए)
वित्तीय भार: केंद्र और राज्य सरकार पर अनुमानित ₹600 करोड़।
नकद सब्सिडी बंद होने की तारीख और कारण
- कब से बंद हुई: फरवरी 2025 में वरिष्ठ अधिकारियों की समिति ने MP EV Policy-2025 को अंतिम रूप देते समय नकद सब्सिडी हटाने का फैसला किया।
- कारण: वित्त विभाग की आपत्ति के कारण, क्योंकि सब्सिडी का बोझ राज्य के बजट पर पड़ रहा था।
- वर्तमान स्थिति: नकद सब्सिडी अब केवल चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए उपलब्ध है।
वर्तमान में लागू सब्सिडी और छूट
रोड टैक्स छूट:
- EVs पर 100% मोटरयान कर छूट मार्च 2026 तक।
- ई-बस, ट्रैक्टर, और एम्बुलेंस के लिए छूट मार्च 2027 तक।
- MP में EVs पर रोड टैक्स 1% (केंद्र के 4% के मुकाबले), यानी 3% की अतिरिक्त छूट।
- नोट: हाइब्रिड वाहनों पर यह छूट लागू नहीं।
पार्किंग शुल्क छूट:
- EVs के लिए 1 साल तक मुफ्त पार्किंग।
- शॉपिंग मॉल और कार्यालयों में EVs के लिए अलग पार्किंग और चार्जिंग पॉइंट्स।
- दिन में चार्जिंग पर 20% छूट, रात में पूर्ण शुल्क।
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर:
- चार्जिंग स्टेशन और बैटरी स्वैपिंग के लिए कैपिटल सब्सिडी।
पेट्रोल-डीजल वाहन:
- कोई सब्सिडी नहीं; प्रदूषण सेस और अतिरिक्त रोड टैक्स प्रस्तावित।
सब्सिडी क्लेम करने की प्रक्रिया
सरकार एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू करेगी, जहां वाहन नंबर और OTP/पासवर्ड के साथ रोड टैक्स छूट और अन्य प्रोत्साहनों के लिए आवेदन किया जा सकेगा।
सरकार की भविष्य की रणनीति
चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विस्तार:
- सरकारी भवनों और जमीन पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए कैपिटल सब्सिडी और PPP मॉडल।
- इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, और उज्जैन को EV सिटी बनाने पर जोर।
EV हिस्सेदारी लक्ष्य (2030 तक):
- टू-व्हीलर: 40%
- थ्री-व्हीलर: 70%
- चार पहिया: 15%
- ई-बस: 40%
पेट्रोल-डीजल वाहनों पर कर:
- प्रदूषण सेस और अतिरिक्त रोड टैक्स लगाकर इनकी लागत बढ़ाना।
डिजिटल सुविधा:
- EV पंजीकरण और चार्जिंग पॉइंट्स की जानकारी के लिए लाइव पोर्टल।
सरकारी उपयोग:
- सरकारी वाहनों और कचरा गाड़ियों को EVs में बदलना।
प्रोत्साहन:
- नकद सब्सिडी की वापसी की संभावना कम, लेकिन रोड टैक्स और पार्किंग छूट को बढ़ाया जा सकता है।
- चार्जिंग स्टेशनों के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन।
निष्कर्ष
मध्य प्रदेश में EV सब्सिडी की स्थिति फरवरी 2025 से बदल गई है, जब नकद सब्सिडी (₹10,000 से ₹10 लाख तक) को हटा दिया गया। वर्तमान में केवल रोड टैक्स छूट (100%, मार्च 2026/2027 तक), पार्किंग शुल्क छूट (1 साल), और चार्जिंग स्टेशन के लिए कैपिटल सब्सिडी उपलब्ध है। सरकार का भविष्य का फोकस चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, EV सिटी, और पेट्रोल-डीजल वाहनों पर कर बढ़ाकर EVs को बढ़ावा देना है।