
FAME II (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) भारत सरकार की एक स्कीम थी, जो इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए 2019 में शुरू हुई थी। ये 31 मार्च 2024 को खत्म हो गई। इसका मकसद था कि लोग पेट्रोल-डीजल की गाड़ियों की बजाय इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदें, जिससे प्रदूषण कम हो और भारत में ही इलेक्ट्रिक गाड़ियां और उनके पार्ट्स बनें। इस स्कीम में इलेक्ट्रिक स्कूटर, ई-रिक्शा, कार और बसों पर सब्सिडी (पैसे की छूट) दी गई, ताकि ये सस्ते पड़ें।
इस स्कीम का मकसद क्या था?
- प्रदूषण कम करना: पेट्रोल-डीजल की गाड़ियों से होने वाला धुआं और प्रदूषण रोकना।
- भारत में बनाओ: इलेक्ट्रिक गाड़ियां और उनके पार्ट्स, जैसे बैटरी, भारत में ही बनें।
- सस्ती गाड़ियां: सब्सिडी देकर इलेक्ट्रिक गाड़ियों को आम लोगों की जेब के हिसाब से सस्ता करना।
- मार्केट बढ़ाना: ज्यादा लोग इलेक्ट्रिक गाड़ियां खरीदें और कंपनियां इन्हें बनाने में रुचि लें।
किन गाड़ियों को सब्सिडी मिली?
FAME II में हर गाड़ी को सब्सिडी नहीं मिलती थी। इसके लिए कुछ खास नियम थे। चलिए, इसे आसानी से समझते हैं:
1. स्कूटर और बाइक (टू-व्हीलर)
- कितना चलें: एक बार चार्ज करने पर कम से कम 80 किलोमीटर।
- स्पीड: कम से कम 40 किलोमीटर प्रति घंटा।
- कीमत: गाड़ी की कीमत 1.5 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए थी।
- सब्सिडी: बैटरी की ताकत (kWh) के हिसाब से 15,000 रुपये प्रति kWh, लेकिन गाड़ी की कीमत का 40% से ज्यादा नहीं।
2. ई-रिक्शा और तिपहिया (थ्री-व्हीलर)
- खासकर ई-रिक्शा और छोटे कमर्शियल वाहनों के लिए।
- सब्सिडी: बैटरी के हिसाब से 10,000 रुपये प्रति kWh, गाड़ी की कीमत और टाइप के आधार पर।
3. कार (फोर-व्हीलर)
- कितना चलें: एक बार चार्ज में कम से कम 140 किलोमीटर।
- सब्सिडी: 10,000 रुपये प्रति kWh, ज्यादा से ज्यादा 1.5 लाख रुपये तक।
4. इलेक्ट्रिक बस
- ये ज्यादातर सरकारी ट्रांसपोर्ट के लिए थीं।
- सब्सिडी: 20,000 रुपये प्रति kWh, ज्यादा से ज्यादा 20 लाख रुपये तक।
5. भारत में बनना जरूरी
- गाड़ी और इसके पार्ट्स (जैसे बैटरी, मोटर) का एक हिस्सा भारत में बनना जरूरी था। इससे भारत की कंपनियों को फायदा हुआ।
कौन-कौन सी गाड़ियां इस स्कीम में थीं?
FAME II में पात्र गाड़ियों की पूरी लिस्ट सरकार की वेबसाइट (fame2.heavyindustries.gov.in) पर थी। खरीदने वालों को सलाह दी जाती थी कि वो इस वेबसाइट पर चेक करें या डीलर से पूछें। फिर भी, कुछ पॉपुलर गाड़ियां जो इस स्कीम में थीं, वो ये थीं:
टू-व्हीलर
- TVS iQube: बढ़िया इलेक्ट्रिक स्कूटर, रेंज और स्पीड के हिसाब से परफेक्ट।
- Ather 450X: तेज और स्मार्ट स्कूटर।
- Ola Electric S1: सस्ता और पॉपुलर।
- Bajaj Chetak Electric: पुराने चेतक का इलेक्ट्रिक वर्जन।
- Hero Electric Optima: जेब के हिसाब से अच्छा।
- Ampere Magnus: बजट में फिट।
थ्री-व्हीलर
- Mahindra Treo: छोटे बिजनेस के लिए अच्छा।
- Piaggio Ape E-City: ई-रिक्शा और छोटी गाड़ियों के लिए।
फोर-व्हीलर
- Tata Nexon EV: सस्ती इलेक्ट्रिक SUV।
- MG ZS EV: थोड़ी प्रीमियम SUV।
- Hyundai Kona Electric: लंबी रेंज वाली कार।
बसें
- ज्यादातर सरकारी ट्रांसपोर्ट के लिए थीं, जिन्हें अलग-अलग कंपनियों ने बनाया।
कुल मिलाकर, 50 से ज्यादा कंपनियां (जैसे Ola Electric, Tata Motors, TVS, Mahindra, Hero Electric) इस स्कीम में रजिस्टर्ड थीं।
सब्सिडी कैसे मिलती थी?
- सीधे पैसे नहीं: सब्सिडी का पैसा सीधे आपको नहीं मिलता था। कंपनी गाड़ी की कीमत में छूट देती थी, और फिर सरकार उस पैसे को कंपनी को देती थी।
- पात्रता चेक करना: आपको ये पक्का करना होता था कि गाड़ी FAME II के नियमों में फिट है। इसके लिए सरकार की वेबसाइट या डीलर से पूछना पड़ता था।
अब FAME II का क्या हुआ?
FAME II 31 मार्च 2024 को खत्म हो गई। इसके बाद सरकार ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम (EMPS) 2024 शुरू की। ये स्कीम खासकर स्कूटर और ई-रिक्शा के लिए है। इसके नियम और सब्सिडी FAME II से थोड़े अलग हैं, लेकिन ये भी सरकार की सर्टिफाइड गाड़ियों पर ही मिलती है।
लेटेस्ट गाड़ियों की जानकारी कैसे लें?
- सरकारी वेबसाइट: fame2.heavyindustries.gov.in पर जाकर चेक करें।
- EMPS 2024: नई स्कीम की जानकारी के लिए सरकार की वेबसाइट या पोर्टल देखें।
- डीलर से पूछें: अपनी गाड़ी के मॉडल की पात्रता डीलर से कन्फर्म करें।
आखिर में
FAME II ने भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों को पॉपुलर करने में बहुत मदद की। इसने लोगों को सस्ती गाड़ियां दीं और भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रोडक्शन भी बढ़ाया। अब EMPS 2024 इस काम को आगे ले जा रही है। अगर आपको किसी खास गाड़ी के बारे में जानना है, तो उसका नाम बताएं या सरकार की वेबसाइट चेक करें।